जब बच्चा रात में बार-बार पेशाब करे, तो क्या करें?
बहुत से माता-पिता परेशान रहते हैं कि उनका बच्चा हर रात बिस्तर गीला कर देता है। सवाल बार-बार मन में आता है – बच्चों को रात में बार-बार पेशाब क्यों आता है? क्या ये कोई बीमारी है? क्या हमारा बच्चा जानबूझकर ऐसा कर रहा है?
सच कहें तो — नहीं, ये ज़्यादातर मामलों में किसी शरारत या गलती की वजह से नहीं होता। ये एक ऐसी समस्या है जो उम्र के एक खास पड़ाव में काफी आम होती है और समय के साथ ठीक भी हो सकती है, बस सही समझ और हल्की सी देखभाल की ज़रूरत होती है।
क्या यह समस्या सामान्य है या चिंता की बात?
अगर आप सोच रहे हैं कि सिर्फ आपके बच्चे के साथ ऐसा हो रहा है, तो ऐसा बिल्कुल नहीं है। रिसर्च बताती है कि हर 10 में से 2 बच्चों को यह समस्या होती है। यानी बच्चों को रात में बार-बार पेशाब क्यों आता है, यह सवाल कई माता-पिता के लिए आम है।
5 साल की उम्र में लगभग 15% बच्चे बिस्तर गीला करते हैं और 7 साल की उम्र तक आते-आते यह प्रतिशत घटकर 10% रह जाता है। इसका मतलब है कि यह धीरे-धीरे सुधरने वाली स्थिति है — बस थोड़ा धैर्य रखें और सही दिशा में कदम उठाएं।
बच्चों को रात में बार-बार पेशाब क्यों आता है – इसके पीछे के कारण
अब बात करते हैं उन कारणों की जिनकी वजह से बच्चों को रात में बार-बार पेशाब क्यों आता है — इस सवाल का जवाब हमें समझ आता है:
🔸 1. गहरी नींद
कुछ बच्चे इतने गहरी नींद में होते हैं कि उन्हें ब्लैडर से मिलने वाला सिग्नल समझ ही नहीं आता। यानी नींद में ही पेशाब हो जाता है।
🔸 2. मूत्राशय का पूरी तरह से विकसित न होना
बच्चों का ब्लैडर पूरी तरह विकसित नहीं होता, जिससे यूरिन रोक पाने की क्षमता कम होती है।
🔸 3. हार्मोन की कमी
कुछ बच्चों के शरीर में एक खास हार्मोन थोड़ा कम बनता है, जो आमतौर पर रात में पेशाब बनने की मात्रा को कंट्रोल करता है। जब ये हार्मोन कम होता है, तो उनके शरीर में रात को भी ज़्यादा यूरिन बनता है और इसी वजह से बार-बार पेशाब की जरूरत महसूस होती है।
🔸 4. अनुवांशिक कारण
अगर माता-पिता में से किसी को बचपन में यह समस्या रही हो, तो बच्चे को भी हो सकती है।
🔸 5. मानसिक दबाव या बदलाव
स्कूल, घर में बदलाव, तनाव या डर जैसे कारण भी बच्चों को रात में बार-बार पेशाब क्यों आता है की वजह बन सकते हैं।
🔸 6. ज्यादा तरल पदार्थ लेना
अगर बच्चा सोने से ठीक पहले दूध, पानी या जूस ज़्यादा लेता है तो ब्लैडर पर दबाव पड़ता है।
जब बच्चा रात में बार-बार पेशाब करे तो घर पर क्या कर सकते हैं?
जब कोई पैरेंट ये सोचता है कि बच्चों को रात में बार-बार पेशाब क्यों आता है, तो सबसे पहले ध्यान देना चाहिए उनके रोज़मर्रा के छोटे-छोटे कामों पर। कई बार बस थोड़ी सी समझदारी से ये आदत ठीक हो सकती है।
🛏️ 1. सोने से पहले ज़्यादा पानी न दें
रात को खाना खाने के बाद अगर बच्चा ज़्यादा पानी, दूध या जूस पी लेता है, तो उसका ब्लैडर जल्दी भर जाता है। इससे नींद में पेशाब होने के चांस बढ़ जाते हैं। कोशिश करें कि सोने से 1 घंटे पहले ही लिक्विड देना बंद कर दें।
🚽 2. सोने से पहले टॉयलेट भेजें
सोने से पहले बच्चे को टॉयलेट भेजना रोज़ की आदत बना दो। जब पेट और ब्लैडर दोनों खाली होंगे, तो रात में नींद भी आराम से आएगी और बेड गीला होने की टेंशन भी कम होगी।
⏰ 3. नींद में एक बार प्यार से उठाएं
अगर बच्चा बहुत गहरी नींद में सोता है, तो आप उसे रात में एक बार उठाकर टॉयलेट भेज सकते हैं। इससे बिस्तर गीला होने से बच सकता है।
❤️ 4. डांटे नहीं, समझाएं
बच्चा ये सब जानबूझकर नहीं करता। उसे प्यार से समझाएं कि ऐसा किसी के साथ भी हो सकता है। डांटने से वो डर सकता है और उसकी टेंशन और बढ़ जाएगी।
🧼 5. बिस्तर गीला हो जाए तो शांति से साफ करें
अगर कभी बिस्तर गीला हो जाए, तो उसे चुपचाप साफ कर दें। ये मत दिखाएं कि आपको गुस्सा आया है। ऐसा करने से बच्चा शर्म महसूस नहीं करेगा और धीरे-धीरे खुद भी सुधार की कोशिश करेगा।
डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अब सवाल आता है — कब इलाज की जरूरत है?
अगर आप बार-बार सोच रहे हैं कि बच्चों को रात में बार-बार पेशाब क्यों आता है, और ये बहुत समय से चल रहा है — तो कुछ चीज़ें हैं जिन पर ध्यान देना ज़रूरी है:
⚠️ तुरंत डॉक्टर से मिलें अगर:
बच्चा दिन में भी बार-बार पेशाब करता हो
पेशाब करते समय दर्द या जलन हो
पहले वो सूखा सोता था, अब फिर गीला करने लगा हो
पेशाब से बदबू आ रही हो या खून नजर आए
7 साल की उम्र के बाद भी ये रोज़ हो रहा हो
ऐसे मामलों में डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी है क्योंकि ये किसी अंदर की दिक्कत का इशारा हो सकता है — जैसे कि यूरिन इंफेक्शन, ब्लैडर से जुड़ी परेशानी या डायबिटीज।
इलाज की क्या जरूरत पड़ती है?
अगर डॉक्टर को ये लगे कि बच्चे की परेशानी थोड़ी गहराई से समझनी चाहिए, तो वो कुछ आसान टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं — जिससे असली वजह पता चल सके।
पेशाब की जांच – संक्रमण या शुगर देखने के लिए
ब्लड टेस्ट – शरीर के अंदरूनी बदलाव समझने के लिए
सोनोग्राफी – ब्लैडर या किडनी की स्थिति देखने के लिए
💊 अगर दवा की ज़रूरत हो
कुछ बच्चों को “Desmopressin” जैसी दवा दी जाती है जो रात में यूरिन बनने की मात्रा को कम करती है। लेकिन हर बच्चे को दवा की जरूरत नहीं होती।
⭐ मोटिवेशन वाला तरीका
जब बच्चा रात को बिस्तर गीला नहीं करता, तो उसकी उस छोटी कोशिश को मान देना ज़रूरी है। कोई बड़ा इनाम नहीं चाहिए — बस एक मुस्कान, एक थपकी या “शाबाश बेटा” जैसे शब्द ही उसके लिए बहुत होते हैं। इससे वो खुद ही आगे से और बेहतर करने की कोशिश करेगा।
जब बच्चों को रात में बार-बार पेशाब आता है तो माता-पिता क्या करें?
जब किसी पैरेंट के मन में लगातार ये बात चलती है कि बच्चों को रात में बार-बार पेशाब क्यों आता है, तो अक्सर वो परेशान हो जाते हैं। लेकिन सच बात ये है कि इस दौरान बच्चे को सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है — आपके साथ की।
❤️ बच्चे को समझें, ना कि शर्मिंदा करें
बच्चा खुद भी नहीं चाहता कि वो बिस्तर गीला करे। जब आप उसे डांटते हैं, तो वो अंदर से डर जाता है और ये डर उसे और ज्यादा प्रेशर में डाल देता है।
बोलने की बजाय उसे समझाएं कि — “कोई बात नहीं बेटा, अगली बार से थोड़ा ध्यान रखना, सब ठीक हो जाएगा।”
🌟 छोटे सुधार की तारीफ करें
अगर बच्चा एक रात सूखा सोता है, तो उसे तारीफ दीजिए। कहिए, “वाह! आज तो तुमने कमाल कर दिया!” इससे उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा और अगली बार भी कोशिश करेगा।
🧠 भरोसा दिलाएं
बच्चे को ये यकीन दिलाएं कि ये सब नार्मल है। कई बार पैरेंट्स डर दिखाते हैं — “अगर फिर पेशाब किया तो डॉक्टर इंजेक्शन लगाएगा।” ऐसा कभी मत कहिए। डर नहीं, प्यार काम करता है।
जब आप बच्चे के साथ जुड़कर चलेंगे, तो ये आदत खुद-ब-खुद छूटने लगेगी।
निष्कर्ष: क्या यह समस्या हमेशा रहती है?
नहीं भाई, बिल्कुल नहीं। ये बहुत ही आम और अस्थाई समस्या है।
बच्चों को रात में बार-बार पेशाब क्यों आता है, इसका जवाब हमेशा कोई बड़ी बीमारी नहीं होता। कई बार ये सिर्फ उम्र का एक हिस्सा होता है, जो खुद-ब-खुद ठीक हो जाता है।
अगर ये परेशानी काफी समय से बनी हुई है और उसके साथ कुछ अलग या असामान्य चीज़ें भी नजर आने लगी हैं, तो बस देर मत करो — ऐसे समय में किसी चाइल्ड स्पेशलिस्ट से मिलकर बात करना ही सबसे अच्छा तरीका होता है — इससे आप भी निश्चिंत हो जाते हैं और बच्चे को भी सही देखभाल मिल पाती है।
आपका प्यार, समझदारी और थोड़ी सी निगरानी — यही इस समस्या का सबसे बड़ा इलाज है।
डिस्क्लेमर (Disclaimer):
यह लेख सिर्फ जानकारी देने के मकसद से लिखा गया है। अगर आपके बच्चे में बार-बार पेशाब करने की समस्या बनी हुई है या इसमें कोई तकलीफ़ नजर आती है, तो कृपया डॉक्टर से संपर्क करें। यह लेख किसी भी मेडिकल सलाह का विकल्प नहीं है। लेखक या वेबसाइट इस जानकारी को लेकर किसी प्रकार की जिम्मेदारी नहीं लेती।
बच्चों को रात में बार-बार पेशाब क्यों आता है? जानिए माता-पिता के सबसे आम सवालों के जवाब
ज़्यादातर मामलों में नहीं। यह बच्चों के बढ़ते शरीर का हिस्सा होता है। लेकिन अगर पेशाब में जलन, खून, या बदबू हो, तो डॉक्टर से सलाह ज़रूरी है।
अगर यह आदत 7 साल की उम्र के बाद भी बनी हुई है, तो यह समझदारी होगी कि आप डॉक्टर से मिलें। क्योंकि अब यह सामान्य से थोड़ा ज़्यादा लंबा चल रहा है।
हाँ, अगर मां-बाप में से किसी को बचपन में ऐसी समस्या रही हो, तो बच्चे में भी ऐसा हो सकता है।
हाँ, बिल्कुल। अगर बच्चा गहरी नींद में होता है तो आप उसे प्यार से उठाकर एक बार शौच के लिए ले जा सकते हैं। इससे गद्दा गीला होने से बच सकता है।
नहीं, ऐसा करने से स्थिति और खराब हो सकती है। डांटना या शर्मिंदा करना बिल्कुल गलत तरीका है। इसके बजाय प्यार और समझ से बात करें।
डॉक्टर कुछ जांच करवा सकते हैं और ज़रूरत हो तो दवा जैसे “Desmopressin” देते हैं। साथ ही बच्चे की दिनचर्या और आदतों को बेहतर करने की सलाह भी दी जाती है।
पूरी तरह नहीं, लेकिन सोने से 1 घंटे पहले से दूध या पानी देना बंद कर दें ताकि पेशाब का प्रेशर न बने। इससे रात में गीला करने की संभावना कम हो जाती है।
नहीं, जब तक कोई असामान्य लक्षण नहीं दिखता तब तक यह सामान्य स्थिति है। हाँ, अगर आपको बार-बार यह सवाल सताता है कि बच्चों को रात में बार-बार पेशाब क्यों आता है, और यह महीनों से बना हुआ है, तो एक बार डॉक्टर से मिलना ठीक रहेगा।