जब बच्चा बीमार हो जाए, तो मां-बाप की नींद उड़ जाती है… और अगर दस्त हो जाएं, तो चिंता और भी बढ़ जाती है। पर घबराइए नहीं! इस लेख में हम आपको बताएंगे कि “bacho ke dast ka ilaj” घर पर ही कैसे करें, वो भी पूरी तरह नेचुरल तरीके से।

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Toggleबच्चों में दस्त क्यों होते हैं? (Causes of Loose Motions in Children)
सबसे पहले ये समझना ज़रूरी है कि बच्चों को दस्त क्यों होते हैं, ताकि हम सही उपाय कर सकें।
संक्रमण (Infection): वायरस, बैक्टीरिया या परजीवी (parasites) की वजह से सबसे ज्यादा दस्त होते हैं।
गंदा पानी या दूषित खाना: बाहर का खाना, खुला पानी या साफ-सफाई की कमी भी कारण हो सकते हैं।
दांत निकलना: छोटे बच्चों में दांत निकलने के दौरान भी हल्के दस्त हो जाते हैं।
दूध का न पचना: कभी-कभी गाय का दूध या बोतल का दूध बच्चों को नहीं पचता और दस्त लग जाते हैं।
इन सब कारणों के आधार पर ही हमें bacho ke dast ka ilaj तय करना होता है।
1. ओआरएस (ORS) – सबसे पहला और ज़रूरी उपाय
जब भी बच्चे को दस्त हों, सबसे पहले उसे ORS घोल दें। ORS शरीर में पानी और नमक की कमी को पूरा करता है।
👉 घर पर बनाने के लिए:
एक लीटर उबले हुए ठंडे पानी में
6 चम्मच चीनी और ½ चम्मच नमक मिलाएं
हर दस्त के बाद थोड़ा-थोड़ा पिलाएं
Bacho ke dast ka ilaj का पहला कदम यही होना चाहिए।

2. दही – पेट की दोस्त
दही में पाए जाने वाले प्रोबायोटिक्स (good bacteria) बच्चों की आंतों को मजबूत बनाते हैं और दस्त में फायदेमंद होते हैं।
बच्चे को दिन में एक बार दही खिलाएं
हल्का नमक और जीरा डालकर स्वाद बढ़ा सकते हैं
Bacho ke dast ka ilaj में दही एक नेचुरल और स्वादिष्ट विकल्प है।

3. चावल का माड़ – देसी तरीका, असरदार इलाज
हमारे दादी-नानी के जमाने से ही चावल का माड़ दस्त के इलाज में दिया जाता रहा है। यह न सिर्फ पेट को ठंडक देता है बल्कि शरीर को ऊर्जा भी देता है।
आधा कप चावल उबालें
उसका पानी छान लें
हल्का नमक डालकर बच्चे को पिलाएं
Bacho ke dast ka ilaj के लिए यह एक बेहद भरोसेमंद उपाय है।
4. जीरा और सौंफ का पानी – पाचन के लिए रामबाण
इन दोनों चीजों में ऐसे गुण होते हैं जो गैस, अपच और दस्त में आराम देते हैं।
👉 कैसे बनाएं:
आधा चम्मच जीरा और आधा चम्मच सौंफ एक कप पानी में उबालें
छानकर ठंडा करें
दिन में दो बार बच्चे को दें
ये उपाय खासतौर पर तब फायदेमंद है जब दस्त के साथ पेट दर्द भी हो। Bacho ke dast ka ilaj में इसे जरूर शामिल करें।
5. केला – पका हुआ, पेट का सहारा
पका हुआ केला दस्त में बहुत राहत देता है क्योंकि इसमें पेक्टिन होता है, जो मल को बांधता है।
आधा केला मैश करके खिलाएं
ऊपर से एक चुटकी इलायची या थोड़ा सा शहद डाल सकते हैं
भारत में लगभग हर घर में केला मिलता है, और यह bacho ke dast ka ilaj में सबसे आसान और सस्ता उपाय है।

6. सेब का जूस या सेब का सॉस
सेब में फाइबर होता है जो पेट को शांत करता है और दस्त में आराम देता है।
सेब को उबालकर मैश करें
दिन में दो बार खिलाएं
अगर बच्चा 6 महीने से ऊपर है, तो आप इसे आसानी से डाइट में शामिल कर सकते हैं।

7. हल्का नारियल पानी – मिनरल्स से भरपूर
नारियल पानी शरीर को हाइड्रेट करता है और इलेक्ट्रोलाइट्स की पूर्ति करता है। दस्त के दौरान जब बच्चा खाना-पीना बंद कर देता है, तो नारियल पानी जान बचाने जैसा होता है।
दिन में 2-3 बार थोड़ा-थोड़ा पिलाएं
Bacho ke dast ka ilaj के लिए यह एक नैचुरल और मीठा तरीका है जो बच्चे को भी पसंद आएगा।
8. बेल का शरबत – पुराना लेकिन कारगर उपाय
बेल फल का गूदा दस्त में बहुत असर करता है। यह आंतों को ठोस बनाता है और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
पका हुआ बेल लें
उसका गूदा पानी में घोलें और थोड़ा गुड़ डालें
दिन में एक बार पिलाएं
ये एक आयुर्वेदिक तरीका है जो bacho ke dast ka ilaj में सदियों से इस्तेमाल होता आ रहा है।
क्या न करें जब बच्चे को दस्त हों
सिर्फ इलाज ही नहीं, कुछ बातों से परहेज़ करना भी जरूरी है:
बोतल से दूध देना बंद कर दें
बाहर का खाना, पैकेट वाला दूध या बासी खाना बिल्कुल न दें
एंटीबायोटिक केवल डॉक्टर की सलाह पर ही लें, खुद से न लें।
🩺 डॉक्टर के पास कब जाएं?
अगर ये लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करें:
बच्चा बहुत ज्यादा सुस्त हो
आंखें धंसी हों या पेशाब कम आ रहा हो
लगातार उल्टी हो रही हो
दस्त अगर तीन दिन से ज़्यादा हो जाएं, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें।
बुखार बहुत तेज हो
Bacho ke dast ka ilaj का ज़्यादातर हिस्सा घर पर हो सकता है, लेकिन कुछ मामलों में मेडिकल ध्यान ज़रूरी होता है।
📌 निष्कर्ष (Conclusion)
बच्चों को दस्त होना आम बात है, लेकिन माता-पिता के लिए यह बहुत चिंता की बात बन जाती है। इस लेख में बताए गए सभी घरेलू उपाय प्राकृतिक, सुरक्षित और असरदार हैं। चाहे वो ओआरएस हो, दही हो, चावल का माड़ हो या बेल का शरबत — ये सब bacho ke dast ka ilaj में अहम भूमिका निभाते हैं।
याद रखिए, हर बच्चा अलग होता है। अगर किसी उपाय से तुरंत राहत न मिले, तो घबराएं नहीं। थोड़ा धैर्य रखें और ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें।