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गले में खराश और बलगम आना एक ऐसी समस्या है जिससे ज़्यादातर लोग साल में कई बार जूझते हैं। कभी ठंडी चीज़ें खाने से, कभी मौसम बदलने पर और कभी जुकाम या संक्रमण की वजह से गले में खराश और बलगम आना शुरू हो जाता है। अक्सर लोग इसे छोटी मोटी तकलीफ़ मानकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं, लेकिन अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो यह परेशानी बड़ी भी बन सकती है।
गले में खराश और बलगम आना न सिर्फ आपकी बोलने की क्षमता पर असर डालता है बल्कि पूरे दिन असहजता और थकान भी महसूस कराता है। लगातार गले में जलन और बलगम की वजह से खाना निगलने में भी कठिनाई हो सकती है। यही वजह है कि इस समस्या को समझना और सही समय पर इसका इलाज करना बहुत ज़रूरी है।
गले में खराश और बलगम आने के मुख्य कारण
गले में खराश और बलगम आना कई वजहों से हो सकता है। सही कारण जानना जरूरी है ताकि इलाज भी उसी हिसाब से किया जा सके।
1 सर्दी-जुकाम और वायरल इन्फेक्शन
मौसम बदलने पर सर्दी-जुकाम होना आम बात है। ऐसे में नाक और गले में इन्फेक्शन हो जाता है, जिससे गले में खराश और बलगम आना शुरू हो जाता है। यह बलगम गले में फंसकर और ज्यादा तकलीफ पैदा करता है।
2 बैक्टीरियल इन्फेक्शन
कभी-कभी गले में बैक्टीरिया की वजह से टॉन्सिलाइटिस या फैरिन्जाइटिस हो जाता है। इस स्थिति में गले में सूजन, दर्द और बलगम ज़्यादा बनने लगता है।
3 एलर्जी
धूल, परागकण, धुआँ और प्रदूषण से एलर्जी होना भी गले में खराश और बलगम आने का एक बड़ा कारण है। एलर्जी के समय शरीर ज़्यादा mucus (बलगम) बनाता है ताकि गले और नाक को साफ रखा जा सके।
4 धूम्रपान और शराब
सिगरेट और शराब गले की परत को नुकसान पहुँचाती है। धूम्रपान से गले में सूजन और खराश होने लगती है, साथ ही बलगम भी जमा होता है।
5 गैस्ट्रिक एसिड रिफ्लक्स (GERD)
कभी-कभी पेट का एसिड गले तक आ जाता है, जिससे गले में खराश और बलगम आना शुरू हो जाता है। यह समस्या खासतौर पर उन लोगों में होती है जिन्हें एसिडिटी या गैस की दिक्कत रहती है।
6 मौसम का असर
ठंडी हवा, बहुत ठंडा पानी या आइसक्रीम जैसी चीज़ें खाने से भी गले में खराश और बलगम आना शुरू हो जाता है। खासकर बच्चों और बुजुर्गों में यह समस्या जल्दी होती है।
गले में खराश और बलगम आने के लक्षण
गले में खराश और बलगम आने के लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं। शुरुआत में हल्की जलन या खुजली होती है, लेकिन अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो यह ज़्यादा बढ़ सकता है।
- गले में लगातार खराश और दर्द
- निगलते समय तकलीफ़
- गले में बलगम जमा होना
- बार-बार खाँसी आना
- कभी-कभी बुखार और गले की सूजन
- आवाज़ बैठ जाना या भारी हो जाना
ये लक्षण दिखें तो समझ जाइए कि गले में खराश और बलगम आना सिर्फ साधारण समस्या नहीं है, बल्कि इलाज की ज़रूरत है।
गले में खराश और बलगम दूर करने के घरेलू उपाय
अगर समस्या बहुत गंभीर नहीं है तो घरेलू उपायों से भी गले में आराम मिल सकता है। ये उपाय सुरक्षित भी हैं और असरदार भी।
1 नमक वाले गुनगुने पानी से गरारे
दिन में दो से तीन बार गुनगुने पानी में थोड़ा नमक डालकर गरारे करें। इससे गले की सूजन कम होती है और बलगम आसानी से निकलता है।
2 हल्दी वाला दूध
रात को सोने से पहले हल्दी वाला गुनगुना दूध पीना गले की खराश और बलगम आने में बहुत फायदेमंद होता है। हल्दी प्राकृतिक एंटीबायोटिक का काम करती है।
3 अदरक और शहद
अदरक का रस और शहद मिलाकर लेने से गले की खराश और बलगम आना कम होता है। यह मिश्रण गले को आराम देता है और इम्यूनिटी बढ़ाता है।
4 भाप लेना (Steam Inhalation)
गरम पानी की भाप लेने से गले और नाक में जमा बलगम ढीला होकर बाहर निकल जाता है। इसमें चाहें तो थोड़ी अजवाइन या पुदीना की पत्तियाँ डाल सकते हैं।
5 तुलसी और मुलेठी की चाय
तुलसी की पत्तियाँ और मुलेठी का इस्तेमाल चाय में करके पीना गले में खराश और बलगम आने की समस्या को जल्दी ठीक करता है।
आयुर्वेदिक और प्राकृतिक उपाय
भारत की परंपरा में गले की बीमारियों के लिए कई आयुर्वेदिक उपाय बताए गए हैं। ये तरीके न केवल सुरक्षित हैं बल्कि लंबे समय तक राहत भी देते हैं।
1 त्रिफला
त्रिफला पाचन को दुरुस्त करने और शरीर से विषैले तत्व बाहर निकालने में मदद करता है। इसका सेवन करने से गले में खराश और बलगम आना धीरे-धीरे कम होता है।
2 मुलेठी का चूर्ण
मुलेठी की जड़ गले के लिए बहुत फायदेमंद है। इसे चूसने या चूर्ण के रूप में लेने से गले की खराश और बलगम आना काफी हद तक कम हो जाता है।
3 आयुर्वेदिक काढ़ा
तुलसी, अदरक, दालचीनी और काली मिर्च से बना काढ़ा गले की सूजन कम करता है और बलगम पतला करता है। नियमित सेवन से इम्यूनिटी भी मजबूत होती है।
4 आंवला और गिलोय
आंवला विटामिन C का अच्छा स्रोत है, जो गले की खराश और बलगम आने से लड़ने में मदद करता है। वहीं गिलोय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है और बार-बार होने वाले संक्रमण को रोकती है।
कब डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी है?
हर बार घरेलू उपाय काम नहीं करते। कुछ स्थितियों में डॉक्टर से सलाह लेना बेहद ज़रूरी है।
जब गले में खराश और बलगम आना 7 दिन से ज़्यादा बना रहे
बलगम में खून आने लगे
तेज बुखार या शरीर में अत्यधिक कमजोरी हो
सांस लेने में तकलीफ़ होने लगे
बार-बार गले में इन्फेक्शन हो
ऐसी स्थिति में देर न करें और तुरंत विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करें।
बचाव के तरीके (Prevention Tips)
गले में खराश और बलगम आना एक हद तक हमारी रोज़मर्रा की आदतों पर भी निर्भर करता है। कुछ छोटे-छोटे बदलाव करके इस समस्या से बचा जा सकता है।
1 खानपान पर ध्यान दें
बहुत ठंडी और तैलीय चीज़ें खाने से बचें।
मसालेदार और ज्यादा खट्टे भोजन से दूरी बनाएँ।
गुनगुना पानी पीने की आदत डालें।
2 धूम्रपान और शराब से दूरी
सिगरेट और शराब गले की सेहत को सीधा नुकसान पहुँचाते हैं और खराश व बलगम की समस्या को और बढ़ा देते हैं। इनसे दूर रहना ही सबसे सुरक्षित उपाय है।
3 हाइड्रेटेड रहना
दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पीना बेहद ज़रूरी है। इससे बलगम पतला रहता है और गले में जमा नहीं होता।
4 इम्यूनिटी मजबूत करें
विटामिन C वाले फल जैसे आंवला, नींबू और संतरा नियमित खाएँ। हरी सब्ज़ियाँ और हल्का भोजन लें ताकि शरीर संक्रमण से लड़ सके।
5 प्रदूषण और धूल से बचें
भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क का इस्तेमाल करें। धूल, धुआँ और परागकण अक्सर गले में खराश और बलगम आने की समस्या को बढ़ाते हैं।
8. निष्कर्ष
गले में खराश और बलगम आना आम समस्या है, लेकिन इसे हल्के में लेना सही नहीं है। अगर समय पर घरेलू नुस्खे अपनाए जाएँ और दिनचर्या में थोड़े-बहुत बदलाव किए जाएँ, तो इस समस्या से काफी हद तक बचाव संभव है।
अगर गले में खराश और बलगम आना बार-बार हो या लंबे समय तक बना रहे तो इसे नज़रअंदाज़ न करें और डॉक्टर से परामर्श ज़रूर लें।
9. Disclaimer
यह आर्टिकल केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें बताए गए उपाय किसी भी तरह से डॉक्टर की सलाह का विकल्प नहीं हैं। यदि गले में खराश और बलगम आना लंबे समय तक बना रहे या गंभीर लक्षण दिखें तो तुरंत विशेषज्ञ चिकित्सक से संपर्क करें।
गले में खराश और बलगम आना – FAQs
गले में खराश और बलगम आना कई वजहों से हो सकता है। सबसे सामान्य कारण सर्दी-जुकाम, वायरल इन्फेक्शन और मौसम में बदलाव हैं। इसके अलावा एलर्जी, धूम्रपान, शराब और पेट का एसिड रिफ्लक्स भी इसकी वजह बन सकते हैं।
ज्यादातर मामलों में यह खतरनाक नहीं होता और कुछ दिनों में ठीक हो जाता है। लेकिन अगर यह लगातार 7 दिन से अधिक रहे, बलगम में खून आए या तेज बुखार हो तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
बच्चों की इम्यूनिटी बड़ों की तुलना में कमजोर होती है। वे मौसम बदलने या धूल-प्रदूषण की वजह से जल्दी प्रभावित होते हैं। साथ ही, ठंडी चीज़ें खाने की आदत भी बच्चों में इस समस्या को बढ़ाती है।
हाँ, एलर्जी इसका बड़ा कारण हो सकती है। धूल, परागकण, धुआँ और पालतू जानवरों की रूसी से एलर्जी होने पर शरीर बलगम बनाना शुरू कर देता है, जिससे खराश बढ़ जाती है।
इसके लिए गुनगुना पानी पीना, नमक के गरारे करना, अदरक-शहद का सेवन और भाप लेना सबसे असरदार उपाय हैं। साथ ही, ठंडी चीज़ों से दूरी बनाए रखना भी जरूरी है।
ठंडी चीज़ें जैसे आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक, फ्रिज का पानी, ज्यादा तैलीय और मसालेदार भोजन से बचना चाहिए। ये गले में जलन और बलगम बढ़ा सकते हैं।
सीधे तौर पर दूध बलगम नहीं बढ़ाता, लेकिन कुछ लोगों को डेयरी प्रोडक्ट्स से एलर्जी होती है, जिससे बलगम गाढ़ा हो सकता है। अगर दूध से दिक्कत हो तो कुछ दिनों के लिए इसे अवॉयड करें।
अगर समस्या हल्की है तो घरेलू उपाय और आयुर्वेदिक नुस्खे पर्याप्त होते हैं। लेकिन अगर तेज बुखार, खून वाला बलगम या लंबे समय तक खराश बनी रहे तो दवा लेना जरूरी हो जाता है।
हाँ, धूम्रपान गले की परत को कमजोर करता है और बलगम को गाढ़ा बनाता है। इससे खराश और जलन बढ़ जाती है। धूम्रपान छोड़ना इस समस्या का बड़ा समाधान है।